भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य में लगे श्रमिक असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में आते हैं| जोखिम पूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने, अस्थाई एवं अनियमित रोज़गार, अनिश्चित कार्यअवधि, मूलभूत तथा कल्याण सुविधाओं आदि के अभाव के कारण इनकी स्थिति अत्यंत कमज़ोर तथा दयनीय होती है | पर्याप्त क़ानूनी प्रावधानों के अभाव के कारण कर्मकारों की दुर्घटनाओं की सही – सही जानकारी हासिल करना, जिम्मेदारी निर्धारित करना एवं सुधारात्मक उपाय अमल में लाना दुर्लभ कार्य था | इसलिए कर्मकारों की सुरक्षा, कल्याण एवं अन्य सेवा शर्तों को सुव्यवस्थित करने हेतु व्यापक केन्द्रीय विधान की आवश्यकता महसूस की गई | कर्मकारों की नियोजन तथा सेवा शर्तें, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याण उपायों को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तें) अधिनियम, 1996 बनाया गया |
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन वर्ष 2009 में भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियम) अधिनियम 1996 की धारा 18 (1) के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश सरकार की अधिसूचना सं० श्रम (ए) 4-6 बी० ओ० सी० डब्ल्यू – पी० टी०/ (एल) दिनांक 2 मार्च, 2009 द्धारा हुआ | तत्पश्चात हि० प्र० भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तें का विनियम) नियम, 2008 बनाये गये तथा हिमाचल प्रदेश सरकार द्धारा 4 दिसम्बर, 2008 को अधिसूचित किए गए |